Bandhavgarh Fort Story
एक ऐसा स्थान जो रहस्यों से भरा होने के साथ-साथ दैवीय भी हैं| एक ऐसा प्राचीन स्थल जहाँ भगवान भी कई वर्षों से विश्राम कर रहे हैं| यहाँ पर आपकों भगवान विष्णु के 12 अवतारों के दर्शन एक साथ हो सकते हैं| अगर आपको किसी ऐसे प्राचीन स्थान की तलाश है, जहाँ पर आप प्रकृति के साथ-साथ प्राचीन सभ्यताओं और रहस्यों का भी दीदार करें तो ऐसी ही एक जगह है ‘बांधवगढ़’ का किला|
बांधवगढ़ का यह किला अपने अन्दर कई रहस्यों को छिपाए खड़ा है| यहाँ आपको भगवान् विष्णु की पत्थरों से बनी विशाल प्रतिमा के दर्शन साथ ही प्रकृति की अद्भुत सुन्दरता भी नजर आएगी| ‘बांधवगढ़’ का किला मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है| इसे आमतौर पर ‘बांधवगढ़ नेशनल पार्क’ के नाम से भी जाना जाता है| लोग नेशनल पार्क तक तो जाते हैं, लेकिन कई लोगों को जानकारी नहीं होने से वह किले की सुन्दरता से वंचित रह जाते हैं|बताया जा रहा है कि इस किले का निर्माण लगभग 2 हजार साल पहले किया गया था| यहाँ पर एक पहाड़ के नाम पर ही बांधवगढ़ नाम रखा गया है| कहा जाता है कि सिर्फ यह किला ही नहीं बल्कि पूरा पहाड़ भी रहस्यों और अद्भुत इतिहास से भरा हुआ है|
बांधवगढ़ किले का नजारा
कहा जाता है कि इस किले का निर्माण रीवा के महाराज राजा व्याघ्रदेव द्वारा कराया गया था| इस किले का उल्लेख नारद पुराण और शिव पुराण में भी किया गया है| किले के अन्दर प्रवेश करने के लिए एक ही मार्ग है जो घने और सुन्दर जंगलों के बीच से होकर गुजरता है| यहाँ पर अन्दर एक सुरंग भी बनाई गई थी जो रीवा में जाती थी|
यहाँ पर किले के अन्दर सात कभी न सूखने वाले तालाब हैं| इन तालाबों में हर मौसम में पानी भरा रहता है| बताया जाता है कि इस किले को राजा गुलाब सिंह और उनके पिता मार्तंड सिंह द्वारा ख़ुफ़िया किले के रूप में इस्तेमाल किया जाता था और यहाँ पर कई आवश्यक फैसलों के साथ गुप्त रणनीतियां बनाई जाती थी|
किले का अद्भुत रूप तब सामने आता है जब यहाँ पर मौजूद भगवान् विष्णु के 12 अवतारों के दर्शन किये जाते हैं| यहाँ पर भगवान् हजारों सालों में आराम की मुद्रा में लेटे हुए हैं| वहीँ प्राचीन इतिहास में कहा जाता है कि इस किले का निर्माण भगवान राम ने लंका से लौटकर अपने भाई लक्षमण के लिए करवाया था|
यहाँ का इतिहास यह भी बताता है कि यह किला टीपू सुलतान के इतिहास से भी जुडा हुआ है| टीपू सुलतान के कई प्रयासों के बावजूद भी वह इस किले पर विजय प्राप्त नही कर पाए थे| रहस्यों से भरे इस किले की जिम्मेदारी अब प्रशासन द्वारा वहन की जाती है|
एक ऐसा स्थान जो रहस्यों से भरा होने के साथ-साथ दैवीय भी हैं| एक ऐसा प्राचीन स्थल जहाँ भगवान भी कई वर्षों से विश्राम कर रहे हैं| यहाँ पर आपकों भगवान विष्णु के 12 अवतारों के दर्शन एक साथ हो सकते हैं| अगर आपको किसी ऐसे प्राचीन स्थान की तलाश है, जहाँ पर आप प्रकृति के साथ-साथ प्राचीन सभ्यताओं और रहस्यों का भी दीदार करें तो ऐसी ही एक जगह है ‘बांधवगढ़’ का किला|
कहा जाता है कि इस किले का निर्माण रीवा के महाराज राजा व्याघ्रदेव द्वारा कराया गया था| इस किले का उल्लेख नारद पुराण और शिव पुराण में भी किया गया है| किले के अन्दर प्रवेश करने के लिए एक ही मार्ग है जो घने और सुन्दर जंगलों के बीच से होकर गुजरता है| यहाँ पर अन्दर एक सुरंग भी बनाई गई थी जो रीवा में जाती थी|
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