Khutulun: The princess that no man could beat in wrestling kushti :- खुतुलुन: वो राजकुमारी, जिसे कोई मर्द कुश्ती में हरा नहीं पाया!
शादी के लिए किसी की क्या शर्त हो सकती है? रंग गोरा.., अच्छी नौकरी, अपना घर, बस और क्या चाहिए? लड़कियों के मामले में एक दो डिमांड और बढ़ जाती हैं...जैसे कि 'गृह कार्य में दक्ष कन्या की तलाश है'.. वगैरह-वगैरह! पर क्या कभी कोई ये डिमांड करता है कि लड़की कुश्ती में दक्ष होनी चाहिए? ऐसी भयानक डिमांड हमारे समाज में तो क्या पश्चिमी देशों में तक नहीं होगी. भला कौन चाहेगा कि उसके घर में एक ऐसी औरत हो जो मर्दों को कुश्ती में पटकनी देती रहे. पर ऐसा हुआ है...वो भी सदियों पहले! जी हां! उस जमाने में जब औरतें या तो पर्दें में होती थीं या फिर नुमाइश की चीज समझी जाती थीं. हम बात कर रहे हैं 1260 ईस्वी की और किस्सा बता रहे हैं मंगोल की राजकुमारी खुतुलुन का. जिसके नाम पर आज भी मंगोलियन कुश्ती की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. याद रखिए, मंगोल वही राज्य था जहां से निकलकर चंगेज खान भारत पहुंचा था. खुतुलुन उसी की पोती थी! आम औरतों से अलग थी खुतुलुन मंगोलिया की खुतुलुन ( 1260–1306 ) पुरुषों को चुनौती देने वाली महिलाओं के गौरवशाली इतिहास का वो जरूरी हिस्सा है, जिसे हर किसी को जानना चाहिए. खुतुलुन